Second Level Domain Kya Hai? Complete Guide Hindi

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आज का विषय है – Second Level Domain Kya Hai ? इसकी क्या विशेषतायें हैं ? Country Code Second Level Domain (ccSLD) क्या है?

Reserved Second Level Domain क्या है ? और Second Level Domain कैसे चुनें ? आईये Step by Step जानतें हैं , हिंदी में।

इंटरनेट की दुनियाँ में कदम रखते ही, जब हम किसी भी Website या Blog के विषय में सोचतें हैं, तो सबसे पहले जो बात हमारे दिमाग में आती है , वो है उस Browse किये जाने वाली Website का नाम।

जिसे हम उस Website का पता भी कहतें हैं। और प्रायः इसे Domain Name भी कहा जाता है। जैसे की हमारे Blog का नाम या Domain Name या पता – www.spynaukari.in है।

किसी भी Domain Name को Hierarchical Level में Distribute किया जाता है। इसे Right Hand End से Left Hand की ओर Decreasing Order में पढ़तें हैं। तथा प्रत्येक Order के बाद Period या Dot (.) का इस्तेमाल करतें हैं।

Domain Hierarchy और Third Level Domain के विषय में हमनें पिछली Post में विस्तार से चर्चा की थी। अतः आज हम केवल Second Level Domain पर चर्चा करेंगे। यदि आपने हमारा पिछला Post नहीं पढ़ा तो, इसे अवश्य पढ़ें – Third Level Domain क्या है ? Easy Guide

Second Level Domain क्या है ?

किसी भी Domain Name के Hierarchy में Top Level Domain के बाद ,आने वाला Level को Second Level Domain कहतें हैं। इसे SLD या 2LD भी पढ़ा जाता है। यह प्रायः किसी भी संस्था, व्यक्ति, समूह, ब्रांड, कंपनी या प्रोजेक्ट के लिये चुना हुआ नाम होता है।

सरल तौर पर कहें तो, जो हम और आप अपनी Website या Blog का मुख्य नाम रखतें हैं वह Second Level Domain होता है। क्यूँकि यह Top Level Domain के पहले आता है। जैसे की हमारे ब्लॉग www.hindistep.com में , .com -1st या Top Level Domain है, .spynaukari – Second Level Domain है तथा www – Third Level Domain है।

Country Code Second Level Domain क्या है ?

Top Level Domain के द्वारा सभी Countries Codes को Access नहीं दिया जाता। अतः इन Country Codes को Second Level Domain के Sub Part के रूप में Country Code Second Level Domain (ccSLD) कहतें हैं। इसे उदाहरण से समझतें हैं।

जैसे मान लीजिये किसी Website का Domain Name – www.example.co.in या www.example.co.uk है। ऐसी स्थिति में Top Level Domain .co या .uk तथा Second Level Domain .co होना चाहिए। और मुख्य Domain का नाम, जो कि यहाँ पर example है, Third Level Domain होना चाहिए।

परन्तु ऐसी स्थिति में, क्यूँकि .co किसी Country (देश) के Top Level Domain के पहले आता है, तो उसे Country Code Second Level Domain (ccSLD) कहेंगे। जबकि .example को Second Level Domain ही कहा जायेगा।

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Reserved Second Level Domain क्या है ?

सन 1970 से संचलित संस्था, Internet Assigned Numbers Authority (IANA) जो की Domain Names, Number Resourses और Protocols को Centrally निर्धारित करती है। इसके द्वारा तीन Domain Names को केवल Research और illustration सम्बंधित कार्यों के लिए Reserved किया गया है। अतः ये सामान्य Public को Allot नहीं किये जातें हैं। जैसे –

  • example.com
  • example.org
  • example.net

Second Level Domain क्या विशेषतायें हैं ?

Second Level Domain आपकी Website के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। आइये इसके प्रमुख विशेषताओं पर नज़र डालतें हैं।

यह आपके व्यवसाय या रूचि के लिए चुना हुआ नाम होता है।

यह बिलकुल वैसा ही होता है, जैसा कि जब किसी के यहाँ किसी बच्चे का जन्म होता है, और उसका नाम रखना होता है। कोई भी व्यवसाय शुरुआत में एक New Born Baby की तरह ही होता है। अब आप समझ सकतें हैं कि उसका नाम कितना प्रिय होना चाहिए।

यह आपके एवं आपके Visitors में बीच प्रथम परिचय होता है।

सबसे पहले जब आपके रूचि या Business का परिचय आपके Visitor के साथ होता है। तो वह आपके Second Level Domain से ही होता है। अतः यह पढ़ने एवं लिखने में सटीक एवं सरल होना चाहिए। आज कल आपने कई ऐसे Spam Type Websites के E-Mail, Spam folder पर देखें होंगें। जिसे देखते ही उसकी विश्वासनीयता पर संदेह होने लग जाता है।

इस नाम से आपकी Website के Niche का पता चलता है।

आपके 2LD से आपके व्यवसाय या रूचि के विषय (Niche) का पता चलता है। जिससे नए सम्बंधित Visitors को इसे खोजने में मदत मिलती है। साथ इस इससे Visitors को आपके विषय के प्रति आपकी गंभीरता का पता चलता है।

यह आपके व्यवसाय या रूचि के लिए Brand Name बनता है।

किसी भी सफल Business का नाम Long Term Prospective होता है। क्यूँकि भविष्य में वह एक Brand बनता है। और उसकी अपनी अलग पहचान बनती है।

यह आपके Contents के अनुसार SEO में मदत करता है।

कई बार Search Engines को Content Filtering के दौरान , आपके द्वारा चुना हुआ 2LD का नाम Optimisation में मदत करता है। क्यूँकि वे उसके अर्थ से सम्बंधित Content को Algorithms के सहायता से Search कर लेते हैं।

Second Level Domain कैसे चुनें ?

2LD को चुनते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे –

Small and Rememberable :

जितना हो सके 2LD छोटा और पढ़ने योग्य होना चाहिए। जिससे Visitors उसे आसानी से याद कर सकें।

Avoid all other than Characters :

2LD बनातें समय Numbers, Dash और अन्य कई Abbreviations मान्य होतें हैं। किन्तु इनके प्रयोग से बचना चाहिए। इन्हें याद करना कठिन होता है।

Try to make Words making Sense :

कोशिस करें की आपके द्वारा चुना हुए Word का कोई अर्थ निकले। तथा उसमे Spelling Mistake ना हो। इससे Visitors को Confusion नहीं होता। अन्यथा आपके Visitors किसी अन्य मिलती जुलती Site पर जा सकतें हैं।

Remember Domain Registration Renewal Date :

जैसा की हम जानतें हैं, कि यदि एक बार हमारा Domain Registration Expire हो गया तो इसे पुनः पाना लगभग असंभव होता है। अतः इसे Expiry Date के पहले ही Renew कर लें। यदि संभव हो तो Auto Renew Option का चुनाव करें।

Check Social Media Accounts before Finalize :

आज कल कोई भी 2LD बनाने के बाद, उसके Promotion के लिये विभिन्न Social Media Account बनता ही है। ऐसे में यदि उस नाम का Social Media Account उपलब्ध नहीं होता तो, काफी दुख होता है। अतः पहले से ही अपने पसंद के Social Media में, उस नाम का Account Search कर लें। आप चाहें तो इसके लिए Knowem Website की मदत ले सकतें हैं।

Conclusion

उपरोक्त पोस्ट “Second Level Domain Kya Hai ” में हमने जाना कि – Second Level Domain क्या है ? , Country Code Second Level Domain क्या है?, Reserved Second Level Domain क्या है ? , Second Level Domain क्या विशेषतायें हैं? और Second Level Domain कैसे चुनें ? यदि आपको कहीं कोई Doubt हो तो, Comment में पूछें। और Post अच्छा लगा हो तो Social Media में Share करें। धन्यवाद।

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